यह ज़िन्दगी है यारों, यहां रोज़ लगता एक मेला है। यह ज़िन्दगी है यारों, यहां रोज़ लगता एक मेला है।
आज फरिश्ते भी हमारी किस्मत पर नाराज़ हैं,भाग्य बदलने की ताकत जो टूट गयी उनकी। आज फरिश्ते भी हमारी किस्मत पर नाराज़ हैं,भाग्य बदलने की ताकत जो टूट गयी उनकी।
A poem about changing the centres A poem about changing the centres
ये हँसी ये मुस्कुराहट ज़रा तुम मुझे सिखा दो... ये हँसी ये मुस्कुराहट ज़रा तुम मुझे सिखा दो...
एक लेखक के जुनून के बारे में कविता...। एक लेखक के जुनून के बारे में कविता...।
ख़ुद से ख़ुद की लड़ाई है ख़ुद ही को लड़ना है ख़ुद से ख़ुद की लड़ाई है ख़ुद ही को लड़ना है